हरदोई/रितेश मिश्रा। कलेक्टेट सभागार में आहूत जिला गौशाला निगरानी समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी पुलकित खरे ने उपस्थित पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्राम पंचायतों में संचालित सभी गौशालाओं में निराश्रित पशुओं के लिए पेयजल, टीन शेड, चारा, बरमी काम्पोस्ट, विद्युत आदि की सारी व्यवस्थायें तत्काल प्रभाव से सुनिश्चित करायें और जिन गौशालाओं के निर्माण अधूरे या प्रारम्भ नहीं हुए है वह सभी निर्माण कार्य शीघ्र प्रारम्भ करायें तथा बरसात को देखते हुए जल भराव वाले गौशालाओं को चिहिन्त करें और समय से वहां के पशुओं को दूसरे गौशालों में भेजने की व्यवस्थ रखने के साथ पशुओं के लिए तीन माह का भूसा स्टोर करायें।
बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी जेएन पाण्डेय से कहा कि जिन 74 गौशालाओं के अन्दर व बाहर बरसीम आदि हरा चारा उगाने के स्थान चिन्हित है उन पर तत्काल प्रभाव से डीसी मनरेगा से समन्वय बनाते हुए हरा चारा लगाने का कार्य प्रारम्भ कराये, गौशालाओं के किनारों पर बाबूल के वृक्ष लगाये जाने के सम्बन्ध में डीएफओ राकेश चन्द्रा ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि बाबूल की शीड उनके विभाग में नहीं है और शीड प्राइवेट या बाहर से खरीद कर लगाया जाता है। इस पर जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से कहा कि चिन्हित गौशालाओं में शीड मनरेगा के माध्यम से लगवाने।
उन्होने कहा कि यदि कोई पशु बीमार हो तो उसकी जानकारी ग्राम प्रधान को अवश्य दें और नियमित उक्त पशुओं के स्वास्थ्य की जांच भी करें। पशुओं के टीकारण हेतु गांवों में नियुक्त होने कर्मचारियों के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि गांव में पशुओं के टीकारण हेतु प्रशिक्षण देकर कुशल प्रवासी को तैनाती की करें ताकि अधिक से अधिक प्रवासियों को रोजगार दिया जा सके।
उन्होने निर्देश दिये कि किसी भी गौशाला का टैग लगा पशु सड़क एवं चैराहे पर घूमते मिलने पर संबधित ग्राम पंचायत की गौशाला के प्रधान, सचिव, चिकित्सक एवं गौशाला कर्मचारियों पर कार्यवाही की जायेगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी निधि गुप्ता वत्स, अपर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी गिरीश चन्द्र, अपर जिला सूचना अधिकारी दिव्या निगम, डीसी एनआरएलएम एवं मनरेगा आदि उपस्थित रहें।