हरदोई/संदीप शुक्ला। लॉक डाउन ब महामारी के चलते भुखमरी के कगार पर पहुँचा प्रवासी मजदूर वीरपाल पुत्र भोलानाथ मदद के लिए दर-दर भटक रहा है नही सुना किसी ने वीरपाल का दर्द अब सवाल यह उठता है की सरकार जो कि बड़े-बड़े दावे प्रवासी मजदूरों के लिए कर रही है क्या इसी तरह खानापूर्ति की जा रही है जिनको असल में मदद चाहिए उनके पास मदद क्यों नहीं पहुंच रही हैं।
ऐसा ही एक प्रवासी मजदूर वीरपाल अपने गांव सकरौली पोस्ट नसयोली गोपाल तहसील शहाबाद परिवार सहित तीन माह पहलें दिल्ली से वापस आ गया। जहां पर पीड़ित का एक पुश्तैनी आवास बना हुआ था जो की पूरी तरह जर्जर ब गिर चुका है
वीरपाल के अनुसार उसने कई बार ग्राम प्रधान के पास जाकर अपनी बात कही ग्राम प्रधान ने बजट न होने की बात कह कर बात को टाल मटोल कर देते हैं। जबकि प्रवासी के पास न ही राशन कार्ड है और न ही रहने के लिए छत। ऐसे में प्रवासी मजदूर दर-दर भटकने को मजबूर है।
कई बार उच्चाधिकारियों को ऑनलाइन के माध्यम से पीड़ित ने अवगत कराया लेकिन कोई भी कार्यवाही नहीं हुई। सकरौली ग्राम सभा के सेक्रेटरी (ग्राम विकास अधिकारी) से फोन पर बात करने पर बताया गया कि प्रवासी मजदूर वीरपाल के लिए राशन कार्ड की फीडिंग करा दी गई है अगले माह से राशन मिलने लगेगा।